सर्दियों शुरु होने से पहले एक बार अपना ब्लड प्रेशर जरुर चेक कर लेना चाहिए।
सिरदर्द, चक्कर आना, थकान रहना, चेहरा गर्म महसूस होना, नींद कम आना या आसानी से नींद टूट जाना, और शारीर गर्म महसूस होना हाई ब्लड प्रेशर के कुछ मुख्या शुरूआती लक्षण है और इनमे से कुछ भी अगर अक्सर होने लगे तो एक बार अपना ब्लड प्रेशर जरुर चेक करवा ले।
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के पुराने रोगी है तो आप सीने में होने वाले किसी भी प्रकार के दर्द चाहे वो अपच के दर्द जैसा लगे, दिल की धड़कन गड़बड़ होना, ऐसा लगे की आप बेहोश होने वाले थे पर रुक कर बैठ या लेट जाने से बच गए, सांस लेने मे परेशानी हो, और बेवजह उलटी होने लगे तो सावधान हो जाये जो कर रहे हो उसे रॊक कर आराम करे यह लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते है और जब ठीक से आराम मिल जाए तब ही किसी और काम में लगे और जल्द से जल्द अपना मेडिकल जांच कराये और उचित उपचार ले और जारी रखे।
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के पुराने रोगी है और अचानक ही चेहरे, बांह, और पैर में कमजोरी/सुन्नपन महसूस हो, अचानक उलझन, बोलने और समझने में परेशानी होने लगे, अचानक आँखों से देखने में परेशानी होने लगे, अचानक चलने में परेशानी होने लगे, या अचानक बहुत तेज़ दर्द होने लगे तो सावधान हो जाये यह लक्षण ब्रेन स्ट्रोक के हो सकते है इसलिए समय रहते हाई ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल में रखे।
किडनी फेल होने के लक्षण: यदि आप हाई ब्लड प्रेशर के पुराने रोगी है और अब आपके पेशाब कम आ रहा है या अचानक बिलकुल से बंद हो जाता हो, मुह सूखा महसूस होता हो तो ये माना जा सकता है कि अब हाई ब्लड प्रेशर के कारण या अन्य किसी कारण से आपकी किडनी फेल होने लगी है और उचित परामर्श और इलाज चालू करे।
यदि आप ब्लड प्रेशर के पुराने मरीज़ है और किडनी के भी लक्षण आने लगे है तथा अब साँस फूलने लगे, बहुत थकान होने लगे, शारीर में सुजन आने लगे, लेटने पर नींद नहीं आती केवल बैठ कर ही ढंग से सो पाते हो तो यह लक्षण हार्ट फेलियर के है उचित परामर्श और इलाज चालू करे।
कुल मिला कर सर्दियों में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखना बहुत जरुरी है और सर्दियों में कोई भी परेशानी हो यह जरुर जांच ले की कही यह ब्लड प्रेशर के कारण तो नहीं है।
हाई ब्लड प्रेशर की तरह डायबिटीज भी उग्र हो जाती है और जादातर रोगियों को सर्दियों में ही पहली बार पता चलता है कि उन्हें डायबिटीज है यदि आपको पेशाब ज्यादा हो रहा है, प्यास भी ज्यादा लग रही है, और भूख भी ज्यादा लग रही है और बेवजह सुस्ती लगती है और फुन्सिया निकल रही है या कोई घाव ढीक नहीं हो रहा तो आप अपना ब्लड शुगर जरुर चेक कराये।।
अपने भारत में बरसात के बाद से ही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड, इन्फेक्टिव हेपेटाइटिस, और इन्सेफेलाइटिस चालू हो जाता है जोकि सर्दियों के शुरुआत में काफी बढ़ जाते है इन सभी रोगों में बुखार मुख्या लक्षण होता है. उचित जांच एवं इलाज से इन रोगों पर काबू पाया जा सकता है।
ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी सर्दियों में ज्यादा होते है जिनका समय पर इलाज होना बहुत जरुरी होता है।
सर्दियों में बार बार सर्दी जुकाम होना बहुत ही आम बात है कभी यह कम परेशान करते है तो कभी ज्यादा।
सर्दियों में कुछ चर्म रोग भी उग्र हो जाते है जैसे सोरायसिस, शीतदंश, और त्वचा, एडी, और होठो का सुखना एवम फटना।
सर्दियों में इन रोगों के उपचार में निम्नलिखित होम्योपैथिक दवाइया कारगर साबित होती है
Sulphur, Rhus Tox, Psorinum, Calc Carb, Merc Sol, Ars Alb, Nux Vomica, Sepia, Heper Sulph, Silicea, Bryonia, Nat-Mur, Petrolium, Puls, Phos, Carbo Veg, Aconite, Nit-Acid, China, Acid Phos, Lycopodium, Bell, Cham, Dulca, Alumina, Am-Carb, Fer Met, Kali Carb, Verat Album, Lach, Aur Met, Hyos, Kali Phos, Bar Carb, Graphitis, Agar, Camphor, Ip, Nux Mos, Kali Bi, and Acid Flour.
0 Comment here, Say something,....: